Permanent certificate will not be necessary
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मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए दी बड़ी सुविधा, स्थाई प्रमाण पत्र नहीं होगा आवश्यक

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया  है, जिसमें अब उन्हें स्थायी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और स्थानीय आबादी के जीवन को सरल बनाना है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

सरकारी नौकरियों के लिए नहीं होगी स्थाई निवास पत्र की आवश्यकता

यह घोषणा की गई है कि मूल निवास प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्तियों के लिए अब सरकारी नौकरियों और अन्य सरकारी संस्थानों में प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने की बाध्यता नहीं होगी।

यह निर्णय सामान्य प्रशासन सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से  बताया गया, जिन्होंने आगे बताया कि मूल निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक दिशानिर्देश और नियम तैयार करने के लिए एक समिति की स्थापना की जाएगी।

इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और सरकारी रोजगार और शैक्षिक अवसरों तक पहुंच के मामले में उत्तराखंड के सभी निवासियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है।

महारैलीका किया जाएगा आयोजन

आदेश के आधार पर अब किसी भी विभाग के लिए मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों से स्थायी निवास प्रमाण पत्र मांगना अनिवार्य नहीं है। हम आपको बताना चाहेंगे कि इस आवश्यकता को लेकर  राज्य के युवाओं और संस्कृतिकर्मियों का कड़ा विरोध है।

इसी मुद्दे को लेकर 24 दिसंबर को मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जाएगा ।

 

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