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उत्तराखंड में यहाँ स्थित नरकंकाल झील, नज़ारा ऐसा की देख काँप जाये रूह

कहते हैं उत्तराखंड में कई प्राचीन रहस्य छुपे हुए हैं । जो आज भी एक रहस्य बने हुए हैं . आज हम आपको ऐसे ही एक जगह के बारे बात रहे हैं जो अपने आपने में अद्भुत है . हम बात कर रहे हैं  उत्तराखंड चमोली में स्थित रूपकुंड झील , जहां आपको मछली नहीं मिलेगी बल्कि मछलियों की जगह नर कंकाल देखने को मिलेंगे.

रूपकुंड झील चमोली जिले में नंदा देवी राजजात मार्ग के पास पहाड़ों में ऊंची ऊंचाई पर स्थित है। यह बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा हुआ है और घूमने के लिए एक खूबसूरत जगह है।एडवेंचर पसंद करने वाले लोग दूर-दूर से इस झील को देखने आते हैं।

5 Facts about Roopkund Skeleton Lake • Globonaut

यह बड़ी, अंडाकार आकार की झील साल में लगभग छह महीने बर्फ से घिरी रहती है। त्रिशूली शिखर (24000 फीट) की गोद में च्यूंरागली दर्रे के नीचे 12 मीटर लंबी, दस मीटर चौड़ी और दो मीटर से अधिक गहरी है, और इससे निकलने वाली धारा को रूपगंगा कहा जाता है।

नर कंकालों से भरी पड़ी है उत्तराखंड की ये खूबसूरत झील, जानिए इसका रहस्य - Mystery Of Roopkund Lake In Uttarakhand - Amar Ujala Hindi News Live

झील पर 500 से अधिक  मानव कंकाल हैं। इसे कंकालों की झील कहा जाता है क्योंकि यह एक ऐसी जगह है जहां कोई नहीं रहता है और यह हिमालय पर बहुत ऊंचाई पर स्थित है।

दुनिया को चौंका रही है इस झील की गहराई, तस्वीरों में आप भी देखिए... - This Lake Shocked Whole World - Amar Ujala Hindi News Live

झील की सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों को इसके आसपास काफी पुरानी हड्डियां और कलाकृतियां मिली हैं। यह इसे एक रहस्यमयी झील बनाता है।

रूपकुंड झील: क्यों पाए जाते है इस झील में नर कंकालो के ढेर? क्यों है ये दुनिया की सबसे रहस्यमयी झील - YouTube

विशेषज्ञों द्वारा यह माना जाता था जानकारों का मानना ​​है कि यहां जिन लोगों की हड्डियां मिली हैं, उनकी मौत 12वीं से 15वीं सदी में किसी महामारी, भूस्खलन या बर्फीले तूफान से हुई थी। हालाँकि, 1960 के दशक में कार्बन डेटिंग से पता चला कि वे शायद इस समय अवधि के दौरान रहते थे।

भारत की 'कंकालों वाली झील' का रहस्य क्या है? - BBC News हिंदी

 

2004 में, भारतीय और यूरोपीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने कंकालों का अध्ययन करने के लिए इस स्थान की यात्रा की उन्होंने निर्धारित किया कि लोग किसी बीमारी से नहीं, बल्कि अचानक आए तूफान या ओलावृष्टि से मरे थे।

Mysterious Roopkund lake where only find skeleton.

बीबीसी की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार,  इस झील पर अब तक 800 से अधिक कंकाल पाए जा चुके हैं। कुछ कंकालों में अभी भी मांस है, यही वजह है कि झील को एक रहस्यमयी जगह के रूप में संदर्भित किया गया है। कंकालों को पहली बार 1942 में ब्रिटिश रेंजर्स ने देखा था। तब से कंकालों को खोजने और पहचानने का सिलसिला जारी है।

जाने क्या है रूपकुंड (Roopkund) के "कंकालों वाले झील" का खौफनाक रहस्य !

 

लोक कथाओं और लोकगीतों के अनुसार पहाड़ की एक माता जी का जिक्र मिलता है  जो हिमालय पर रहती है। गीत के अनुसार बाहर से आए लोगों पर देवी ने क्रोधित हो गयी है क्युकी वे पहाड़ की सुंदरता को बिगाड़ देते हैं । इसलिए, माता जी ने  एक भयंकर ओलावृष्टि की। और कई लोगो की जान चली गयी।

roopkund lake : रूपकुंड झील में है 'नरकंकालों' का रहस्य ?

2004 के शोध में हुआ शुद्ध भी इस बात की पुष्टि करता है की  भीषण ओलावृष्टि के कारण लोगों की मौत हो सकती है। रूपकुंड झील का रहस्य आज भी अनसुलझा है और लोगों का मानना ​​है कि यहां आज भी अजीबोगरीब और चौंकाने वाली घटनाएं होती रहती हैं।

https://news.google.com/publications/CAAqBwgKMK3Gwgswz-HZAw?hl=en-IN&gl=IN&ceid=IN:en

 

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