The burden of the bag will be reduced
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उत्तराखंड के छात्रों के लिए खुशखबरी, अगले सत्र से काम होगा बस्ते का बोझ, शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी

नए साल में उत्तराखंड के छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ गई है जिसे काफी समय से इंतजार था। बच्चों के लिए स्कूल बैग के वजन को कम करने के प्रयास में, शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने एससीईआरटी उत्तराखंड के अधिकारियों को एक प्रस्ताव तैयार करने और इसे सरकार को सौंपने का निर्देश दिया। शिक्षा मंत्री की मंशा है कि आगामी सत्र के दौरान नई व्यवस्था लागू हो जाए।

अगले सत्र से लागू होगी

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से छात्रों के स्कूल बैग का वजन कम करने के प्रयास किये जायेंगे। शिक्षा महानिदेशालय में विभिन्न बोर्डों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही इस मामले में दिशानिर्देश जारी करेगी. इन निर्देशों को लागू कराने का जिम्मा मुख्य शिक्षा अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

 

राज्य के विभिन्न स्कूलों में अनुबंध और तय वेतनमान पर कार्यरत अस्थायी शिक्षकों को भी मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जायेगा. मंत्री ने कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में बच्चों के बस्ते का बोझ अनुशंसित मानकों के अनुरूप कम किया जायेगा. इसे प्राप्त करने के लिए, एससीईआरटी उत्तराखंड के अधिकारियों को एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने और इसे सरकार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

शासन की गाइडलाइन के बाद आगामी सत्र में नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। इससे पहले 26 जनवरी 2024 तक जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश में जिला एवं राज्य स्तर पर निजी स्कूल संचालकों, प्रबंधकों, प्राचार्यों एवं अभिभावकों के साथ बैठकें आयोजित की जाएंगी।

चलाये जाइएगा अभियान

. शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में आईसीएसई, सीबीएसई, उत्तराखंड बोर्ड और भारतीय शिक्षा बोर्ड सहित निजी स्कूल बच्चों पर उनकी क्षमता से अधिक स्कूल बैग का बोझ डाल रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए नई शिक्षा नीति-2020 में एक समाधान सुझाया गया है।

इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने पहले 2019 में मद्रास उच्च न्यायालय के एक निर्देश के आधार पर स्कूल बैग के बोझ को कम करने का आदेश जारी किया था, लेकिन इसे राज्य में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया था।

 

 शिक्षिकाओं  को मिलेगा मातृत्व अवकाश

शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने कहा, प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत संविदा व अस्थायी शिक्षिकाओं को अन्य कार्मिकों की भांति मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। इस संबंध में विभागीय स्तर से सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

बैठक में नए निजी विद्यालयों को वित्तीय अनुदान के स्थान पर एकमुश्त धनराशि (टोकन मनी) देने का निर्णय लिया गया। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जाएगा।

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