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मुख्यमंत्री ने दी बड़ी खुशखबरी, ऋषिकेश की तर्ज पर देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में भी बनाया जाएगा “आस्थापथ”   

 

गढ़वाल क्षेत्र के दो प्रमुख स्थानों: देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में ऋषिकेश की तरह आस्थापथ का निर्माण किया जाएगा।

देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रीनगर चौरास पुल से जाखणी, नैथाणा, रानीहाटा, और कीर्तिनगर तक अलकनंदा नदी के दायीं किनारे आस्था पथ का निर्माण किया जाना है।

ऋषिकेश में गंगा तट पर 2010 में आस्थापथ का निर्माण किया गया था।

ऋषिकेश में गंगा किनारे स्थित आस्थापथ को मरीन ड्राइव भी कहा जाता है. इसको बनाने का उद्देश्य था की लोगो को गंगा तट पर सैर-सपाटे के लिए एक उत्तम स्थान मिल सके, यह पथ ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट से बैराज तक बनाया गया है, इसकी लंबाई करीब 3 किलोमीटर है. स्थानीय लोग और पर्यटक इसका भरपूर आनंद उठाते है।
यहाँ स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर और साईं मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र हैं वहीँ अनेकों कलाकृतियों और गंगा नदी के चित्रों से सजा ये पथ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

ऋषिकेश के इसी तर्ज पर अब आस्थापथ का निर्माण कार्य गढ़वाल क्षेत्र के दो प्रमुख स्थानों देवप्रयाग और श्रीनगर चौरास में किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साल 2021 में इसकी घोषणा की थी जिसके बाद से सिंचाई विभाग ने इस प्रस्ताव को तैयार करके सरकार को पेश किया है। इस योजना पर जल्दी ही निर्णय लिया जा सकता है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा-

दोनों परियोजनाओं पर करीब 2015.16 लाख रुपये खर्च होंगे –

  •  पहली परियोजना के तहत

टिहरी जिले के देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत श्रीनगर में चौरास पुल से जाखणी-नैथाणा-रानीहाटा-कीर्तिनगर तक अलकनंदा नदी के दायें किनारे आस्था पथ का निर्माण किया जाना है।
पहले चरण में चौरास पुल से किलकिलेश्वर महादेव मंदिर तक निर्माण कार्य के लिए योजना तैयार कर ली गयी है और उससे शहरी विकास विभाग को भेज दिया गया है। इस परियोजना पर 1387.27 लाख रुपये खर्च आने का अनुमान है।
इस संबंध में मुख्य अभियंता (स्तर-2) प्रेम सिंह पंवार की ओर से प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

आस्थापथ बनने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्थानीय लोगों को नदी किनारे स्वच्छ हवा और प्रकृति का आनंद उठाते हुए टहलने के लिए एक उत्तम जगह मिलेगी।

  • दूसरी परियोजना के तहत –

देवप्रयाग में गंगा नदी के दायें किनारे पर पौड़ी मोटर पुल से झूला पुल तक आस्था पथ का निर्माण किया जाना है। इसका प्रस्ताव भी सिंचाई विभाग की शहरी विकास विभाग को भेजा गया है। इस परियोजना पर 627.89 लाख रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है।

पूर्व में इस परियोजना को पर्यटन विभाग की ओर से पूरा किया जाना था, फिर बाद में तय किया गया की क्यूंकि यह निर्माण नगर के सौंदर्यीकरण से संबंधित है इसलिए इसे शहरी विकास विभाग को भेजा दिया गया।
योजना पर अब शासन की ओर से प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति पर निर्णय लिया जाना है।
विभागीय स्तर पर प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं इसकी पुष्टि सचिव सिंचाई हरिचंद्र सेमवाल ने की है।

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार दोनों स्थानों पर आस्थापथ का निर्माण किया जाना है। सिंचाई विभाग के पास ऐसे कार्यों के लिए अलग से किसी प्रकार के बजट की व्यवस्था नहीं होती है। इसी वजह से शासन के निर्देश पर ही दोनों प्रस्ताव शहरी विकास विभाग को भेजे गए हैं। अब शासन की ओर से परियोजनाओं के लिए नमामि गंगे या विशेष योजना सहायता मद में बजट का प्रावधान किया जाएगा।

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