उत्तराखंड में वन दरोगा भर्ती पदों की प्रतीक्षा कर रहे हुए द्वारों के लिए एक बड़ी अपडेट सामने आई हैं। जिसके अंतर्गत वन दरोगा पदों में बड़ा हेरफेर किया गया है। आपको बता दें, वन दरोगा भर्ती के तहत हाईकोर्ट में दायर की गई एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वन दरोगा की सीधी भर्ती पदों की संख्या को कम कर दिया है।
जिस फैसले के कारण कई अभ्यर्थियों वन दरोगा बनने के सपने को बड़ा झटका लग सकता है।
पदोन्नति को दी गई वरीयता
हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वन निरीक्षकों के 211 रिक्त पदों को विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना चाहिए, जबकि शेष 105 पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरा जाना चाहिए, जिसके परिणामस्वरूप कुल 316 पद होंगे।
यह निर्णय वन बीट कर्मचारी संघ द्वारा दायर एक जनहित याचिका के जवाब में किया गया था, और इसका इस संघ से संबंधित कर्मचारियों के लिए उपलब्ध पदोन्नति के अवसरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
मामले के संदर्भ में वन संरक्षक एवं वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष हर्ष वर्धन ने माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें यह बात सामने आई है कि सरकार 316 रिक्त पदों के के संबंध में पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया गया है।
इस दायर की गई याचिका के अनुसार उन मेहनती कर्मियों के लिए पदोन्नति की संभावना कम होने का खतरा है, जिन्होंने लंबे समय तक वन रक्षक के रूप में काम किया है, क्योंकि वन निरीक्षक के सम्मानित पद पर पहुंचने की उनकी संभावना बेहद कम हो जाएगी।
105 वन दरोगा पदों पर होगी सीधी भर्ती
याचिकाकर्ता सम्मानपूर्वक दावा करता है कि पहले, वन निरीक्षकों के पद विशेष रूप से पदोन्नति के माध्यम से भरे जाते थे। हालाँकि, 2018 में, सरकार ने इन पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती का विकल्प चुनते हुए नियमों में बदलाव किया।
परिणामस्वरूप, लंबे समय से कार्यरत कर्मचारियों के अधिकारों से समझौता किया गया है। याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया है कि वर्तमान कर्मचारियों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर देने पर विचार किया जाए।
इस मामले को लेकर खंडपीठ की ओर से सरकार को निर्देश दिया गया है. वन निरीक्षक के 316 पदों पर चल रही सीधी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो गई है।
आप तो बता दे, लगभग 632 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा और शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब सिर्फ 105 पद ही सीधे भरे जाएंगे। यह खबर वन निरीक्षक बनने की इच्छा रखने वाले कई युवाओं के लिए निराशा की बात हो सकती है।