vipin-pant-and-poonam-pant-sdm-couple-pithoragarh
|

उत्तराखण्ड के ये दम्पति, युवाओं के लिए बन गए एक मिसाल , पहले बने तहसीलदार और अब एक साथ पाया SDM का पद

उत्तराखंड में युवा आज अपनी प्रतिभा के दम पर पूरे देश में नाम कमा रहे हैं . इसी क्रम में हाल ही में एक ऐसी खबर सामने आयी है जिसमे राज्य के होनहार दम्पति ने एक साथ SDM का पद प्राप्त किया है . प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सिविल सेवा ने हाल ही में 14 तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नत किया है।

इन लोगों में एक शादीशुदा जोड़ा भी है जो कि पिथौरागढ़ जिले का रहने वाला है। बेरीनाग तहसील के बरसायत गांव के रहने वाले विपिन पंत और उनकी पत्नी पूनम पंत अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण ये सफलता प्राप्त की है । गौरतलब है कि इन तहसीलदारों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक गहन चयन प्रक्रिया के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर की भूमिका में पदोन्नत किया गया था।

Ukpsc: लोक सेवा आयोग की भर्तियों का संशोधित कैलेंडर जारी, यहां देखें अब कब होगी रद्द हुई एई भर्ती परीक्षा - Ukpsc Revised Calendar Of Recruitment Of Public Service ...

पहले तहसीलदार अब बने SDM

पिथौरागढ़ के विपिन पंत और पूनम पंत ने मिलकर चुनौतियों का सामना किया और आज के बड़ी उपलब्धि  हासिल कीं। विपिन प्रदेश  की कई तहसीलों में तहसीलदार के पद पर रह चुके हैं। वर्तमान में, विपिन रामनगर में तहसीलदार के रूप में कार्य कर रहे हैं , जबकि पूनम पंत जसपुर में तहसीलदार की भूमिका निभा रही  हैं। दोनों ही  अपनी बेदाग छवि , ईमानदारी की सराहनीय प्रतिष्ठा के लिए प्रसिद्ध हैं।

आपको बता दें विपिन पंत ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पिथौरागढ के विवेकानन्द विद्या मंदिर से  पूरी की। इसके बाद उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई देब सिंह इंटर कॉलेज से की। वर्ष 2014 में उन्हें तहसीलदार के उत्तराखंड में सरकारी नौकरी प्राप्त की थी । हाल ही में विपिन और उनकी पत्नी के एसडीएम बनने की खबर से पूरे गांव में खुशी का माहौल है।

बने युवाओं के लिए प्रेरणा

विपिन पंत और उनकी पत्नी पूनम पंत की ये सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो पारिवारिक जिम्मेदारियों  के साथ अपने सपनो को सच करना चाहते हैं .  वर्तमान में विपिन अपने परिवार के साथ उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर तहसील क्षेत्र में रहते हैं। गौरतलब है कि विपिन के दिवंगत पिता हीरा बल्लभ पंत विण में खंड विकास अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।

इसके अलावा विपिन के  दादा, तारा दत्त पंत, एक शिक्षित परिवार से थे और अपने युग के दौरान एक प्रमुख और निपुण शास्त्री के रूप में जाने जाते थे। वर्तमान समय में, कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने उनकी द्वारा लिखी गयी चार पुस्तकों को एमए इतिहास पाठ्यक्रम में शामिल किया है।

Similar Posts