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अच्छी पहल : गांवों के बच्चे भी कर सकेंगे विज्ञान का प्रयोग, यूकॉस्ट की मोबाइल वैन करेगी सपने साकार!

उत्तराखंड राज्य के दूरदराज और दुर्गम इलाकों के रहने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जिसमें अब स्कूलों के बच्चों को भी प्रयोगशालाओं में स्वयं प्रयोग करके अध्ययन करने का मौका मिलेगा . जिससे उनकी पढ़ाई में काफी लाभ मिलेगा।

कई जगहों पर तो बच्चे को विज्ञान का प्रयोग करके सीखने का मौका मिलता ही नहीं है, बच्चे केवल किताबें ही पढ़ते हैं, उनको वैज्ञानिक प्रयोग कर सीखने को नहीं मिल पाता क्यूंकि इसके लिए व्यवस्थाएं काफी कम हैं।

अब यहाँ के बच्चे भी विज्ञान को प्रयोग करके बेहतर सीख पाएंगे, अभी तक बहुत से विद्यालयों में या तो लैब की सुविधा है ही नहीं और अगर है भी तो उतनी सुदृढ़ नहीं हैं।

 

इन सब कठिनाओं को देखते हुए और बच्चो को विज्ञानं प्रयोग की सुविधा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट)  लैब्स ऑन व्हील कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है।

इसके तहत पहली बार हर जिले में यूकॉस्ट की मोबाइल वैन जाएगी जो दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचकर बच्चों को विज्ञान के प्रयोग सिखाएगी। इस वैन में वैज्ञानिक प्रयोगों से जुड़े हुए सभी उपकरण होंगे।

इस वैन में एक-एक विशेषज्ञ की टीम भी रहेगी जो गाओं और दुर्गम क्षेत्रो तक पहुँच कर बच्चो को विज्ञान के प्रयोग सिखाएगी, जीवन में विज्ञान का महत्व और कहाँ कैसे इसके उपयोग किये जाते हैं बच्चो को सिखाएगी।

डॉ. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट ने बताया की दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के बच्चों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा हो इसके लिए लैब्स ऑन व्हील कार्यक्रम के तहत मोबाइल वैन संचालित की जा रही हैं। हर जिले में बच्चों को विज्ञान के प्रयोग सिखाए जाएंगे।

यूकॉस्ट ने बताया की इस कार्यक्रम के ज़रिये बच्चों के भीतर वैज्ञानिक सोच विकसित होगी और विज्ञान के क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलेगी।

देहरादून साइंस सिटी होगी अनोखी- इसी साल शुरू करने का प्रयास

अपने आप में अनोखी, और विज्ञान के माध्यम से जीवन के हर पहलु को समझने वाली साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है।

नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम (एनसीएसएम) की ओर से यूकॉस्ट झाझरा के पास 25 एकड़ भूमि पर इस साइंस सिटी का निर्माण किया जा रहा है।

पूरे देश में इस सत्तर की साइंस सिटी चुनिंदा ही हैं। इसके साथ ही अल्मोड़ा में सब रीजनल साइंस सेंटर का निर्माण भी शुरू हो गया ह। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांच करोड़ दिए हैं।

 

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