इन दिनों उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश इस दिन इन दिनों परेशानी का सबब बनी हुई है। पहाड़ी उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के चलते मार्ग अवैध हो गए हैं जिससे स्थानीय लोगों व पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मॉनसून सीजन के स्टार्ट होते ही जगह-जगह सड़कों व मार्गों के विरुद्ध होने की खबरें सामने आ रही हैं। प्रशासन ने इन मार्गों को शीघ्र से शीघ्र खोलने के लिए पूरे राज्य में जगह-जगह अलर्ट जारी कर रखा है जिससे आने जाने वालों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
बंद हैं 11 स्टेट हाईवे समेत कुल 126 सड़कें
उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते विभिन्न हिस्सों में सड़कें बंद हो गयी हैं. खासकर पहाड़ी इलाकों में सड़कें बंद होने का सिलसिला जारी है. रविवार देर शाम तक राज्य में 11 स्टेट हाईवे समेत कुल 126 सड़कें बंद रहीं। इस स्थिति का असर चारधाम यात्रा पर भी पड़ा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जिलों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किये हैं.
रविवार को बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लामबगड़ और खचड़ा नाला के पास का मार्ग भी बाधित हो गया । हालांकि बाद में सड़क फिर से खोल दी गई, लेकिन भूस्खलन और पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने के कारण फिर से बंद होने का खतरा है।
देर शाम जारी पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में कहा गया है, राज्य में 11 राज्य राजमार्गों के अलावा, नौ मुख्य जिला सड़कें, तीन अन्य जिला सड़कें, 53 ग्रामीण सड़कें और 47 पीएमजीएसवाई सड़कें भी अस्थायी रूप से बंद हैं।
अवरुद्ध मार्गों को खोलने के लिए खर्च हुए 1259.48 लाख
लोनिवि के मुख्य अभियंता दीपक यादव के मुताबिक संभावित क्षेत्रों में जेसीबी और अन्य मशीनों का उपयोग किया गया है। सड़कों को खोलने की सुविधा के लिए रविवार को कुल 119 मशीनें भेजी गईं।
इनमें से नौ मशीनें राज्य राजमार्गों पर, 12 मशीनें प्राथमिक जिला सड़कों पर, पांच मशीनें माध्यमिक जिला सड़कों पर, 51 मशीनें ग्रामीण सड़कों पर और 47 मशीनें पीएमजीएसवाई सड़कों को खोलने के लिए लगायी गयी हैं ।

अब तक, सड़कों को खोलने के उद्देश्य से कुल 1259.48 लाख रुपये का उपयोग किया गया है, जबकि उन्हें बहाल करने के लिए 1374.68 लाख रुपये का अनुमानित व्यय हुआ है। गौरतलब है कि इस मानसून सीजन के दौरान 883 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें से 757 सड़कें पहले ही सफलतापूर्वक दोबारा खोली जा चुकी हैं।