उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में 15 साल की अवधि से सेवा में रहे सरकारी वाहनों को हटाने के उद्देश्य से एक नई नीति लागू की है। इस पहल के अनुरूप, राज्य के शहर हलद्वानी में अधिकारियों ने इन पुराने वाहनों के खिलाफ उचित कदम उठाने के लिए आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है।
परिणामस्वरूप, कुल 300 वाहन वर्तमान में जांच के दायरे में हैं जिनको स्क्रैप में भेजने की तैयारी की जा रही है। आपको बता दें हर साल उत्तराखंड में 300 से अधिक सरकारी वाहन 15 साल तक की उम्र सीमा तक पहुंच जाते हैं। जिसके बाद प्रदूषण वाह यातायात प्रणाली की दक्षता बढ़ाने के लिए इन वाहनों को रेप करने की नीति लागू की जा रही है।
1 अप्रैल 2023 से लागू है नियम
यातायात प्रणाली की दक्षता बढ़ाने और प्रदूषण को कम करने के प्रयास में, सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था । इनकी नीलामी के पारंपरिक तरीके को चुनने के बजाय वाहनों, इस बात पर सहमति हुई कि उन्हें स्क्रैप किया जाना था।
लेकिन सरकार द्वारा स्क्रैप पॉलिसी के कार्यान्वयन में की गई देरी के कारण इसको अभी तक लागू नहीं किया जा सका है। 19 जुलाई को परिवहन सचिव अरविंद हयांकी नई स्क्रैप नीति जारी किए जाने के बाद यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
ऑनलाइन पोर्टल पर लगेगी इस्पात की बोली
प्राप्त की गई जानकारी के अनुसार इस्पात मंत्रालय के सहयोग से एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से स्क्रैप सामग्री की ई-नीलामी की सुविधा के लिए एक व्यापक योजना बनाई गई है।
जिन विभागों के पास 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहन हैं, उन्हें मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (एमएसटीसी) के दिल्ली कार्यालय से संपर्क करना आवश्यक है। जो व्यक्ति इन वाहनों को प्राप्त करने में रुचि रखते हैं वे ऑनलाइन पोर्टल पर बोली प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
हर वर्ष 300 से अधिक वाहन किए जाएंगे रिटायर
परिवहन विभाग के अनुमान राज्य में प्रतिवर्ष लगभग 300 सरकारी वाहन 15 वर्ष की आयु तक पहुँचते हैं। नतीजतन, सिस्टम में किसी भी संभावित व्यवधान से बचने के लिए सरकार के लिए नए वाहनों की समय पर खरीद को लागू करना आवश्यक हो जाता है।
राज्य सरकार ने हाल ही में 15 साल पुराने सरकारी वाहनों के निस्तारण को लेकर एक नीति लागू की है. इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए इन स्क्रैप वाहनों की ई-नीलामी इस्पात मंत्रालय से संबद्ध कंपनी के पोर्टल के माध्यम से आयोजित की जाएगी।
इससे व्यक्तियों को सीधे पोर्टल पर बोली लगाने का अवसर मिलेगा। उत्तराखंड के सभी सरकारी विभागों को यह निर्देश दिया गया है कियदि उनके वाहन 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं तो वे मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (एमएसटीसी) के दिल्ली कार्यालय से संपर्क करें। इच्छुक व्यक्ति पोर्टल पर बोली में भाग ले सकते हैं।