Gyrocopter in Uttarakhand
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Gyrocopter in Uttarakhand: उत्तराखंड के चंपावत में पर्यटन को लगेंगे नए पंख, जल्द ही शुरू होगी जायरोकॉप्टर की अद्भुत उड़ान

उत्तराखंड का चंपावत जिला पर्यटन उद्योग में एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है। शारदा नदी रोमांचकारी रिवर राफ्टिंग अनुभव प्रदान करती है, जबकि इस क्षेत्र में मछली पकड़ने को देशव्यापी मान्यता मिली है। इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने के लिए फिलहाल जायरोकॉप्टर सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है।

उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से किया गया सफल ट्रायल हो चुका है। चंपावत क्षेत्र, जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र है, जाइरोकॉप्टर उड़ानों की पेशकश करने वाला पहला क्षेत्र होगा। इसके बाद इस सेवा का विस्तार राज्य के अन्य जिलों में भी किया जाएगा।

Gyrocopter in Uttarakhand:

पर्यटन को लगेंगे नए पंख

इस पहल से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलने बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है। चंपावत में लोकप्रिय चाय बागानों के अलावा, पर्यटक इको हट्स और मायावती आश्रम की ओर भी आकर्षित होते हैं।

इसके अलावा, शारदा नदी पर रिवर राफ्टिंग भी की जाती है। अब जायरोकॉप्टर सेवा की शुरुआत के माध्यम से हवाई पर्यटन को और बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। Gyrocopter in Uttarakhand

अब तक, जाइरोकॉप्टर केवल मुंबई, गोवा और अन्य स्थानों में समुद्र तटों पर उड़ान भर रहे हैं। बहरहाल, उत्तराखंड में पहली बार चंपावत जिले में जायरोकॉप्टर उड़ान भरेगा। नायकगोथ के मिनी क्षेत्र को जाइरोकॉप्टर के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में पहचाना गया है। एक समय में एक यात्री को जाइरोकॉप्टर में भ्रमण करने का अवसर मिलेगा।

मिनटों मे तय होगी हजारों किलोमीटर की दूरी

ईंधन से चलने वाला जाइरोकॉप्टर लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता रखता है। इसमें प्रति घंटे लगभग 15-20 लीटर ईंधन की खपत होती है। साथ ही यह सैकड़ों किलोमीटर की लंबी दूरी तय करने में सक्षम है। एक सफल परीक्षण के बाद पायलट अमित परमार ने जाइरोकॉप्टर को एक एयर कार के रूप में वर्णित किया जो रोटेशन के लिए पूरी तरह से वायु दबाव पर निर्भर करता है और इंजन से कोई शक्ति प्राप्त नहीं करता है।

Gyrocopter in Uttarakhand:

एक समय में विमान में पायलट के साथ केवल एक पर्यटक ही जा सकता है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने सफल परीक्षण पर संतोष व्यक्त किया और निकट भविष्य में दूसरे परीक्षण की योजना की घोषणा की। आवश्यक भूमि मिलते ही टनकपुर में जायरोकॉप्टर चलाने की तैयारी की जाएगी। Gyrocopter in Uttarakhand

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