कहते हैं मन में अगर लगन हो तो कोई भी मुकाम मुश्किल नहीं होता है । अक्सर हम जीवन की छोटी छोटी कठिनाइयों से हार जाते हैं । और डिप्प्रेशन में चले जाते हैं । लेकिन आज हम आपको ऐसे युवा से रूबरू करवा रहे हैं जिन्होंने अपनी शारीरिक कमी को पीछे छोड़ते हुए हुए ऐसा काम किया है जो शारीरिक रूप से स्वस्थ इंसान को करने में पसीने छूट जाते हैं .
हम बात कर रहे हैं पियाशा महलदार की । जो की पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के शांतिपुर की रहनेवाली हैं । पियाशा महलदार केवल तीन फीट लंबी है, लेकिन उसका हौसला बहुत ऊंचा है। उसने अपनी UGC-NET परीक्षा में 99.31% अंक प्राप्त किए, जो वास्तव में प्रभावशाली है। बचपन से ही विकलांग होने के बावजूद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया हैं।
पश्चिम बंगाल के नदिया के शांतिपुर की रहनेवाली पियाशा महलदार की हाइट भले ही महज़ 3 फिट है, लेकिन उनका जज़्बा बेहद ऊंचा है। बचपन से ही दिव्यांगता के बावजूद, यूजीसी-नेट परीक्षा-2022 में उन्होंने 99.31 प्रतिशत अंक हासिल कर कमाल कर दिखाया है।
बचपन से ही कई मुश्किलों का सामना करने के बावजूद पियाशा ने कभी भी अपनी निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।पियाशा 3 फीट लंबी है और उसकी एक दुर्लभ शारीरिक बिमारी से ग्रषित है जिससे उसके लिए चलना फिरना मुमकिन नहीं है । यही वजह है की उन्होंने यूजीसी नेट की परीक्षा लेट कर थी ।
पियाशा 25 साल की हैं और बचपन से ही कई शारीरिक समस्याओं से जूझ रही हैं। लेकिन उन्होंने लाख दिक्कतों के साथ भी परीक्षा की पूरी तैयारी करि , और अब इसमें अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही।
अब पीएचडी की है तैयारी
पियाशा को छोटी उम्र से ही पढ़ाई का शौक था और उन्होंने कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं अच्छे अंकों से पास कीं। इस सितंबर में, उसने यूजीसी-नेट की परीक्षा दी, जो कंप्यूटर आधारित परीक्षा है। परीक्षा के परिणाम हाल ही में जारी किए गए थे और पियाशा का स्कोर 99.31% था।
यह सभी के लिए बहुत आश्चर्य की बात है, क्योंकि अधिकांश लोग पारंपरिक परीक्षाओं की तरह कंप्यूटर आधारित परीक्षणों में उतना अच्छा स्कोर नहीं करते हैं।
पियाशा ने कहा कि वह कल्याणी विश्वविद्यालय में जूनियर रिसर्च फेलोशिप पद के लिए चुने जाने पर खुश हैं। वह यहां से पीएचडी करने की योजना बना रही है और उम्मीद है कि वह ऐसा कर पाएगी। पियाशा के घर के पास ही कल्याणी यूनिवर्सिटी है, इसलिए वह वहीं पढ़ना चाहती है।
पियाशा में बहुत जोश और दृढ़ संकल्प है। वह आसानी से हार नहीं मानती। यह इस बात का प्रमाण है कि यदि आप वास्तव में चाहते हैं तो कुछ भी संभव है।